जयंती पर याद किये गए बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री(प्रीमियर) बैरिस्टर मुहम्मद युनूस साहेब

जयंती पर याद किये गए बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री(प्रीमियर) बैरिस्टर मुहम्मद युनूस साहेब

पटना :- आज दिनांक 6 मई 2018 को बिहार प्रांत के प्रथम मुख्यमंत्री (प्रीमियर) स्व० मुहम्मद युनूस जी की जयंती पटना के श्रीकृष्ण मिमोरियल हॉल में आयोजित हुई।

आयोजन के मुख्य अतिथी पुर्व केंद्रीय मंत्री डॉ शकील अहमद थे। विश्षिट अतिथी राजद के राष्ट्रीय उपाअध्यक्ष, पुर्व सांसद शिवानंद तिवारी थे। कार्यक्रम का आयोजन बैरिस्टर यूनुस मेमोरियल कमेटी के तत्वाधान में हुआ।

इस मौक़े पर बैरिस्टर यूनुस के अतुलनीय और एैतिहासिक योगदान की चर्चा करते हुए शिवानंद तिवारी ने कहा कि युनूस साहेब ने आधुनिक बिहार की नीव रखी। उन्होने आगे कहा कि युनूस साहेब ने उस दौर में साम्प्रदायीक ताक़तों से खुल कर लोहा लिया। और मुस्लिम लीग की टू नेशन थ्यारी को ख़ारिज किया। पर इतिहास मे उनके साथ इंसाफ़ नही किया गया।

इस मौक़े पर मुख्य अतिथी पुर्व केंद्रीय मंत्री डॉ शकील अहमद ने बैरिस्टर युनूस साहेब को याद करते हुए कहा जिस समय बैरिस्टर युनूस साहेब कौंसिल के मेम्बर थे उसी समय हमारे दादा अहमद ग़फ़ूर भी कौंसिल के मेम्बर थे। हिन्दु मुस्लिम एकता कि बेहतरीन मिसाल युनूस साहेब से आजके दौर में लोगों को प्रेरणा लेनी चाहीये; के किस तरह उन्होने कठिन दौर में सारे समुदाय के लोगों को एक मंच पर ला कर खड़ा किया। आज ज़रुरत है उन्हे आदर्श मान कर उनकी विचारधारा जन जन पहुंचाने की।

कार्यक्रम का शुभारम्भ प्रेरणा के कलाकारों द्वारा विभिन्न मुद्दों पर नुक्कड़ नाटक “पोल खोल पोर पोर” प्रस्तूत कर किया गया।

वहीं डॉ अशरफ़ इस्माईल ने बैरिस्टर मुहम्मद युनूस की जीवनी पर प्रकाश डाला।

इस मौक़े पर बैरिस्टर युनूस के पोते और बैरिस्टर यूनुस मेमोरियल कमेटी के अध्यक्ष क़ासिफ़ यूनुस ने कहा कि : बैरिस्टर युनूस जिस वैकल्पिक राजनैतिक व्यावस्था के प्रतीत थे, आज उसी वैचारिक राजनैतिक विकल्प की देश को ज़रुरत है। जिस तरह 1937 में देश दो धड़ों में बटा हुआ था, आज भी लगभग वही स्थिती है, और बैरिस्टर युनूस का जीवन इस स्थिती से निपटने का मार्गदर्शक है।

वक्ता के रूप में मौजूद भाकपा माले के नेता कामरेड धिरेंद्र झा ने कहा कि आज हमे बैरिस्टर युनूस को अपना मार्गदर्शक मानना होगा।

इस मौक़े पर मौजूद एन.एस.यु.आई के राष्ट्रीय अध्यक्ष फिरोज़ ख़ान ने कहा के वो इस समारोह में शिरकत कर गौर्वानवित महसूस कर रहे हैं, बैरिस्टर युनूस सिर्फ़ बिहार के नही पुरे भारत के नेता थे।

माकपा के बिहार राज्य सचिव सर्वोदय शर्मा ने कहा के आज के दौर में बैरिस्टर युनूस जैसे व्यक्ति को याद करना भारतीय प्रजातंत्र के पहले यौद्धा को याद करना है।

इस मौक़े पर मौजूद बिहार कांग्रेस के नेता हारून रशीद ने कहा कि आज़ाद भारत में, ख़ासकर सरकार के स्तर पर मोहम्मद यूनुस को वैसा सम्मान और पहचान नहीं मिला, जिसके वो हक़दार थे।

कार्यक्रम का संचालन का मुहम्मद दानिश ने किया; पटना हाई कोर्ट सिनियर वकील योगश चंद्र वर्मा ने कार्यक्रम कि अध्यक्षता की। इस मौक़े पर नादिर क़ैसर, शुभम मौर्या, श्म्स वाजिद, जौहर, ज़ीशान, शकील अहमद ख़ान, दिलनवाज़, अरून कुशवाहा, परवेज़, हमीदुज़्जमां, ताबिश नक़ी, फ़ैज़ सहीत बड़ी तादाद में लोग मौजूद थे।


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