डॉ सैय्यद ज़फर महमूद: जिन्होंने ज़कात फाउंडेशन की नींव रखी

डॉ सैय्यद ज़फर महमूद: जिन्होंने ज़कात फाउंडेशन की नींव रखी

अशरफ हुसैन

वो नाम है जिन्होंने ज़कात फाउंडेशन की नींव रखी, जिससे आईएएस व दीगर अलाइड सर्विसेज में मुस्लिमों की नुमाइंदगी बढ़ी है, इस साल 28 में से 18 छात्र तो वहीं साल 2018 में 52 मुस्लिम चुने गए थे इनमें 41 का ताल्लुक ज़कात फाउंडेशन से था।

मुस्लिम युवाओं को आईएएस आईपीएस बनने का रास्ता दिखाने वाले रिडायर्ड ऑफिसर ज़फ़र महमूद प्रधानमंत्री के ओएसडी रहे चुके और सच्चर कमेटी में अहम रोल निभाया है,

यह रिटायर्ड अफसर अब हर साल 20 से 25 मुस्लिम और क्रिश्चियन युवाओं को सिविल सर्विस की परीक्षा पास करवाने में अहम रोल अदा कर रहे हैं। पिछले वर्ष 20 दिसंबर को आए यूपीएससी मेन्स एग्जाम के रिजल्ट में भी इस संस्था के 29 युवाओं ने इंटरव्यू तक पहुंचने का रास्ता साफ किया था।

खबर है कि युवाओं की संख्या बढ़ाने के लिए इस ज़कात फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. सैयद ज़फर महमूद जमीअत उलेमा ए हिन्द की मदद से अब 3 एकड़ ज़मीन पर डासना में सर सैयद कोचिंग के लिए नई बिल्डिंग का निमार्ण करा रहे हैं।

ज़फर महमूद 2008 से युवाओं को सिविल सर्विस की तैयारी करा रहे हैं. अब तक सैकङों से भी अधिक युवा ज़कात की मदद से देश की सबसे बड़ी परीक्षा पास कर आईएएस और आईपीएस बन चुके हैं.

एक रिटन टेस्ट और इंटरव्यू के बाद देश के कोने-कोने से मेरिट के आधार पर युवाओं का चयन किया जाता है।

ज़फर महमूद बताते हैं, ‘दिल्ली में रखकर युवाओं को तैयारी कराई जाती है. युवाओं को अलग-अलग कोचिंग में भेजा जाता है. हॉस्टल में युवाओं के लिए रहने-खाने और स्टडी मेटेरियल तक का इंतज़ाम ज़कात फाउंडेशन की ओर से किया जाता है. युवाओं की तैयारी कैसी चल रही है और तैयारी में उन्हें मदद करने के लिए रिटायर्ड और सर्विस में मौजूद आईएएस, आईपीएस आईआरएस, आईएफएस सरीखे अधिकारियों की भी मदद ली जाती है.’

ज़फर महमूद बताते हैं, ‘एएमयू में पढ़ाई के वक्त मैं और मेरे कुछ दोस्त सिविल सर्विस की तैयारी करना चाहते थे, लेकिन मदद करने वाला कोई कोचिंग सेंटर नहीं था. दूसरा ये कि मैं खुद भी सच्चर कमेटी में रहा था. रिपोर्ट में जो हाल मैंने देखा तो उसके बाद लगा कि वाकई सिविल सर्विस की तैयारी कराने के लिए इस तरह का कोई सेंटर होना जरूर चाहिए.’

अल्लाह जफर महमूद साहब को लंबी उम्र अता करे ताकि वो यूँ ही कारे खैर को अंजाम देते रहें- आमीन


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