नई दिल्ली(21 नवंबर): कश्मीर में शांति स्थापित करने के लिए सरकार कोशिश कर रही है। इसी कड़ी में सरकार ऐसे पत्थरबाजों के केस वापस ले सकती है, जिनके खिलाफ पहली बार मामले दर्ज किए गए हैं।
इस बाबत केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारियों के बीच चर्चा हुई है।
सरकार का यह कदम घाटी के लोगों तक अपनी पहुंच बढ़ाना है। आईबी के पूर्व डायरेक्टर दिनेश्वर शर्मा को केंद्र सरकार ने 23 अक्टूबर को वार्ताकार नियुक्त किया था, ताकि घाटी के सभी पक्षकारों के साथ बातचीत शुरू की जा सके।
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि घाटी में हजारों युवाओं के खिलाफ FIR दर्ज हैं और हम सद्भावना के आधार पर पहली बार पत्थरबाजों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लेने जा रहे हैं।
इस बाबत शर्मा का कहना है कि घाटी के युवाओं के खिलाफ दर्ज मामले वापस लेने की योजना पर काम किया जा रहा है। हालांकि उन्होंने इस पर विस्तार से जानकारी नहीं दी। उन्होंने जोर दिया कि वह युवाओं पर फोकस कर रहे हैं। दिनेश्वर शर्मा ने कहा, ”मैं युवाओं को लेकर बेह चिंतित हूं। मैं युवाओं के दिमाग को कैसे बदलने पर फोकस कर रहा हूं। युवाओं में भी काफी गुस्सा है। ”
मालूम हो कि पिछले साल जुलाई में हिजबुल मुजाहिद्दीन कमांडर बुरहान वानी की मौत के बाद से घाटी में पत्थरबाजी काफी देखने को मिली है। इसके बाद से घाटी में शांति बहाली की कोशिशें की जा रही हैं। इस दौरान सुरक्षा बलों के साथ झड़प में कई युवाओं की जान चली गई और कई पैलेट गन से अंधे हो गए। इस बीच घाटी में स्थानीय लोगों का विरोध प्रदर्शन भी देखने
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