मिल्लत टाइम्स, नई दिल्ली: में साधु-संतों और शिवसेना के कार्यक्रमों में उमड़ी भीड़ और इसे लेकर किए गए दावों के बाद सियासत जारी है। एसडीपीआई यानी सोशल डेमोक्रैटिक पार्टी ऑफ इंडिया नाम के संगठन के नेताओं ने भीड़ को लेकर किए गए दावे पर प्रतिक्रिया दी है।
एसडीपीआई के नेता तस्लीम रहमानी ने कहा कि नेताओं की बयानवाजी और साधु संतों की भीड़ देखकर ये नहीं समझना चाहिए कि बाबरी मस्जिद का दावा खत्म हो गया है।
अगर वीएचपी अयोध्या में पांच लाख लोगों की भीड़ जुटा सकती है तो एसडीपीआई भी अयोध्या में 25 लाख लोगों की भीड़ जुटा सकती है।
दो दिन पहले अयोध्या में वीएचपी ने अपने कार्यक्रम में पांच लाख लोगों के पहुंचने का दावा किया था। धर्म सभा स्थल पर एक उत्सव जैसी रौनक थी और राम भक्त तख्तियों और भगवा झंडों के साथ देखे जा सकते थे।
विभिन्न स्थानों पर भगवान राम के भजन बज रहे थे। पिछले तीन वर्षों से अभियान से जुड़े अयोध्या जिला पंचायत के सदस्य बबलू खान ने शहर की समग्र संस्कृति पर जोर दिया।
विश्व हिंदू परिषद ने दावा किया कि लगभग पांच लाख लोग इस सभा में शामिल हुए और मंदिर के निर्माण पर चर्चा के लिए सभी क्षेत्रों के लोग यहां पहुंचे।
वीएचपी के वरिष्ठ नेता चम्पत राय ने कहा कि उन्हें मंदिर के लिये जमीन के बंटवारे का फार्मूला मंजूर नहीं है और उन्हें पूरी की पूरी भूमि चाहिये।
वहीं वीएचपी के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने रविवार को कहा कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिये समर्थन जुटाने के मद्देनजर संगठन छह दिसंबर तक हर लोकसभा क्षेत्र में सभाएं आयोजित करेगा।
एक रैली में उन्होंने कहा कि राम मंदिर निर्माण के लिये विहिप सांसदों से कानून बनाने की मांग करेगा। कुमार ने कहा कि राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मुद्दे को लेकर 1950 में जब से पहला मामला दर्ज हुआ तब से अब तक मामला चल ही रहा है
Discover more from Millat Times
Subscribe to get the latest posts sent to your email.
