असम के एन.आर.सी मुद्दे को लेकर लखनऊ में किया गया ज़बरदस्त विरोध प्रदर्शन।

असम के एन.आर.सी मुद्दे को लेकर लखनऊ में किया गया ज़बरदस्त विरोध प्रदर्शन।

मिल्लत टाइम्स:लखनऊ, दिनांक 13 अक्टूबर 2018। सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इण्डिया की ओर से आज दिनांक 13 अक्टूबर को जी० पी० ओ०, लखनऊ में विरोध प्रदर्शन कर असम के 40 लाख भारतीय नागरिकों का नाम नेशनल रजिस्टर सिटीजंस में शामिल करने की मांग को लेकर महामहिम राष्ट्रपति महोदय के नाम ज्ञापन राज्यपाल महोदय को दिया गया।

SDPI के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एड्० शर्फुद्दीन साहब ने कहा कि असम में NRC(नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन) की त्रुटिपूर्ण प्रक्रिया ने वहाॅं के 40 लाख नागरिकों की नागरिकता पर संकट खड़ा कर दिया है इन चालीस लाख नागरिकों में आदिवासी, हिन्दु व मुस्लिम आदि सभी शामिल हैं परन्तु वर्तमान भाजपा सरकार इस मुद्दे को साम्प्रदायिक व धार्मिक बनाकर देश के अन्य राज्यों में भी भय व अनिश्चता का माहोल बना कर ध्रुवीकरण करने का प्रयास कर रही है।NRC की त्रुटिपूर्ण प्रक्रिया का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कई सरकारी कर्मचारी,व नामचीन राजनैतिक परिवार के लोगों के नाम भी NRC में नहीं है। प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद कामिल ने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार अपनी नाकामी छिपाने के लिए देश में नफरत व बंटवारे की राजनीति कर रही है ।

कभी धर्म के नाम पर कभी जाति के नाम पर और अब मोदी जी गुजरात में गैरगुजरातियों के नाम पर दंगा करा रहे हैं। रिहाई मंच के राष्ट्रीय महासचिव राजीव यादव ने कहा कि एनआरसी के इस इसू पर बीजेपी की तरफ से असमिया के साथ नाइंसाफी हो रही है ऐसे में सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया ने यह एक सराहनीय कदम उठाया है जिससे आसाम के लोगों को एक आस जगी है कि उनकी नागरिकता को छिनने से बचाने वाला कोई इस देश में है और मैं रिहाई मंच की तरफ से सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया को यकीन दिलाता हूं कि एनआरसी की लड़ाई में रिहाई मंच कदम से कदम मिलाकर सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी के साथ है।

ऑल इंडिया इमाम्स काॅंसिल के प्रदेश महासचिव मौलाना समीउद्दीन नदवी साहब, SDPi के प्रदेश उपाध्यक्ष शाबान करीमी साहब, प्रदेश महासचिव फरमान अली, पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया उत्तर प्रदेश से वसीम अहमद, एस०डी०पी०आई० प्रदेश कमेटी मैम्बर सलीम खान, कानपुर जिला महासचिव नफीस नूरी, सरवर आलम ने संबोधित किया। व कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष मुहम्मद कामिल ने की। इस अवसर पर सैकड़ों की तादाद में लोग उपस्थित रहे।


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