2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की लुटिया ऐसी डूबी कि उसे केंद्र की सत्ता से हाथ धोना पड़ गया कारण सभी को पता है, इस सदमे से वह ऐसी शिथिल हो गयी कि दो – सवा दो साल में ही उसने खट्या पाकर ली है. उसका इलाज करने वाले व् उसे संजीवनी देने वाले भौरासेमंद डॉक्टर राहुल और उनकी टीम भी कांग्रेस को सदमे से उबार नहीं पा रही है जैसी स्थिती पहले कभी सत्ता में रही कांग्रेस के वक़्त विपक्ष की थी, उससे भी ख़राब स्थिती आज विपक्ष में कांग्रेस की हो गयी है, जमीं से जुड़ना पड़ेगा साठ से भोग रहे सत्ता के आवरण को छोड़कर पुनः गान्धीवादी विचारधारा को अपनाना होगा जनता के दुःख दर्द को समझना होगा चापलूसो से उसे छुटकारा पाना होगा और तो और अनुभवयो की नयी टीम, नए जोश के साथ बनानी होगी.
सय्यद मोहम्मद ज़ुलक़रनैन
zulqarnain.millat@gmail.com
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