जस्टिस काटजू ने 18 जिलों का नाम बदलने के लिये योगी आदित्‍यनाथ को भेजी लिस्‍ट, बोले- इनके भी नाम बदल डालो,जानिए .

जस्टिस काटजू ने 18 जिलों का नाम बदलने के लिये योगी आदित्‍यनाथ को भेजी लिस्‍ट, बोले- इनके भी नाम बदल डालो,जानिए .

नई दिल्ली/मिल्लत टाइम्स: उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ द्वारा इलाहबाद शहर का नाम बदलकर प्रयागराज करने के बाद अब सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने इलाहाबाद शहर का नाम बदलकर प्रयागराज करने के संबंध में टिप्पणी की है। जस्टिस काटजू ने फेसबुक पर पोस्ट लिखकर योगी आदित्यनाथ को सलाह दी है कि वह कुछ अन्य शहरों के नाम भी बदल दें। उन्होंने अपनी लिस्ट में उन शहरों के वर्तमान नामों की जगह वैकल्पिक नाम भी सुझाए हैं।

पूर्व जस्टिस काटजू ने फेसबुक पर अपनी पोस्ट में लिखा,”प्रयाग के रूप में इलाहाबाद का पुनर्नामकरण करने के लिए बधाई। लेकिन निश्चित रूप से यह पर्याप्त नहीं है। मेरा सुझाव है कि इन बाबर की औलादों के नाम को खत्म करने के लिए यूपी शहरों के आगे के नाम परिवर्तन किए जाएं। इस प्रकार की दयालुता के लिए याचक के लिए प्रार्थना है।”

काटजू का सुझाव है कि अलीगढ़ को अश्वत्थामा नगर, आगरा को अगस्तय नगर, ग़ाज़ीपुर को गणेशपुर, शाहजहांपुर को सुग्रीवपुर, मुजफ्फरनगर को मुरलीमनोहरनगर, आजमगढ़ को अलकनंदापुर, हमीरपुर को हस्तिनापुर, लखनऊ को लक्ष्मणपुर, बुलंदशहर को बजरंगबलीपुर, फैजाबाद को नरेंद्र मोदी पुर, फतेहपुर को अमितशाहनगर, गाजियाबाद को गजेंद्र नगर, फिरोजाबाद को द्रोणाचार्य नगर, फर्रूखाबाद को अंगदपुर, गाजियाबाद को घटोत्कचनगर, सुल्तानपुर को सरस्वतीनगर, मुरादाबाद को मनकीबात नगर, मिर्जापुर को मीराबाई नगर कर दिया जाए

वैसे बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इलाहाबाद का नाम प्रयागराज करने की घोषणा की थी। शनिवार (13 अक्टूबर) को कुंभ मार्गदर्शक मंडल की बैठक के बाद सीएम योगी ने मीडिया से बात की थी। सीएम योगी ने कहा, ”गंगा और यमुना दो पवित्र नदी के संगम का स्थल होने के नाते यहां सभी प्रयागों का राज है, इसलिए इलाहाबाद को प्रयागराज भी कहते हैं। अगर सबकी सहमति होगी तो प्रयागराज के रूप में हमें इस शहर को जानना चाहिये।” उन्होंने कहा कि इलाहाबाद का नाम बदलने के लिए संतों ने मांग की थी, जिस पर राज्यपाल सहमति जता रहे हैं। सीएम ने यह भी घोषणा की कि कुंभ में आने वाले करोड़ों श्रद्धालु लिए अब संगम स्थित किले में अक्षयवट और सरस्वती कूप का दर्शन भी कर सकेंगे।


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