मिल्लत टाइम्स, नई दिल्ली (5 नवंबर): भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग यानी ASI ने ताजमहल परिसर में मौजूद मस्जिद में शुक्रवार को छोड़कर अन्य दिन नमाज पर पाबंदी लगा दी है। ASI से जुड़े लोगों का कहना है कि वो सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश का पालन कर रहे हैं। आपको बता दें कि जनवरी 2018 के आदेश में आगरा के अडिशनल डिस्ट्रिक्ट मैजिस्ट्रेट (सिटी) ने बाहरी लोगों के शुक्रवार को मस्जिद में नमाज पढ़ने पर रोक लगाई थी। बांग्लादेशी और गैर भारतीय समेत बाहरी लोगों के नमाज की आड़ में ताजमहल परिसर में प्रवेश करने की शिकायतें मिलने के बाद प्रशासन ने यह कदम उठाया था। इसके बाद न्यायमूर्ति ए. के. सीकरी और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ ने ताजमहल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष सैयद इब्राहिम हुसैन जैदी की याचिका खारिज करते हुए कहा कि आगरा में कई मस्जिदें हैं और आगरा से बाहर के लोग उनमें नमाज पढ़ सकते हैं। याचिकाकर्ता ने आगरा प्रशासन के 24 जनवरी 2018 के आदेश को चुनौती दी थी।
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने स्थानीय प्रशासन के एक फैसले को बरकरार रखते हुए ताजमहल की सुरक्षा के मद्देनजर शुक्रवार की नमाज के अलावा अन्य दिनों में स्थानीय लोगों पर यहां की मस्जिद में नमाज पढ़ने पर प्रतिबंध लगाया था। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग आगरा क्षेत्र के सुपरिंटेंडेंट आर्कियॉलजिस्ट वसंत स्वर्णकार का कहना है कि ‘यह कदम सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक उठाया गया है। नमाज केवल शुक्रवार को पढ़ी जा सकती है और वह भी केवल स्थानीय लोगों के द्वारा ही।’
गौरतलब है कि शुक्रवार को ताजमहल का दीदार आम जनता के लिए बंद रहता है। लिहाजा इस दिन स्थानीय लोगों को दोपहर में दो बजे के अंदर बिना कोई प्रवेश शुल्क दिए नमाज पढ़ने की इजाजत रहती है। वहीं, अन्य दिनों में यहां आने वाले उसी सैलानी को मस्जिद में जाने की इजाजत होती है, जिसने टिकट खरीदा हो। ताजमहल इंतजामिया कमिटी के अध्यक्ष सैयद इब्राहिम हुसैन जैदी का कहना है कि लंबे अरसे से यहां की मस्जिद में नमाज पढ़ी जाती थी और इसे रोकने की कोई वजह समझ में नहीं आ रही।
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