बिहार के भागलपुर जिले में मिला कोयले का खान,जल्द होगा खनन,रोडमैप बनकर तैयार

बिहार के भागलपुर जिले में मिला कोयले का खान,जल्द होगा खनन,रोडमैप बनकर तैयार

मिल्लत टाइम्स, पटना: भागलपुर जिला के पीरपैंती व कहलगांव के 48 गांवों में जमीन के नीचे कोयला मिला है। भूगर्भ शास्त्री की रिपोर्ट मिलने के बाद बीसीसीएल धनबाद व सीएमपीडीआई की संयुक्त केंद्रीय टीम ने मंगलवार को पीरपैंती पहुंचकर इसकी जांच की। 2012 से पीरपैंती के विभिन्न क्षेत्रों में सर्वे कर रहे भू वैज्ञानिकों की टीम ने केंद्र को पीरपैंती व कहलगांव में कोयले के पर्याप्त मात्रा में खनन की संभावना जताई।

बीसीसीएल के जीएम सोमेन चटर्जी, योजना विभाग के डायरेक्टर आनंदजी प्रसाद, प्लानिंग अफसर नीरज कुमार, भूगर्भ शास्त्री सुभाष सुरेश की टीम ने पीरपैंती के सीओ नागेंद्र कुमार से मुलाकात की। जिन-जिन जगहों पर कोयले के भंडारण की रिपोर्ट भू वैज्ञानिकों की टीम ने दी है उस मौजा का मास्टर मैप सीओ को दिया गया। उस क्षेत्र की आबादी क्या है, कितनी सरकारी जमीन है, कितनी उपजाऊ जमीन है, बगीचा, नहर तालाब, आवासीय जमीन की पूरी जानकारी सीओ से मांगी गई है।

बीसीसीएल के जीएम सोमेन चटर्जी ने कहा कि निरीक्षण कर सीओ को मास्टर मैप दिया गया है। जल्द से जल्द 48 गांव के जमीन मालिक का नाम खाता, खेसरा व रकवा की जानकारी मांगी गई है। 9 जी से 13 जी किस्म का कोयला सबसे कमजोर कोयला माना जाता है। जो पावर प्लांट के लिए उपयुक्त है। पीरपैंती में कोयले के खनन की संभावना है। क्षेत्र की भौतिक स्थिति की भी जांच की जा रही है। टीम के सदस्यों ने बताया कि कोयला खनन के बाद कहलगांव एनटीपीसी, फरक्का, बाढ़ बिजली घरों में कम खर्च में कोयले की आपूर्ति होगी।

पीरपैंती क्षेत्र के लक्ष्मीपुर, गोविंदपुर, चौधरीबसंत, हीरा नंद, वंशीचक, नौवाटोली, शेरमारी, शादीपुर, रिफातपुर, जगदीशपुर, सीमानपुर, पसाहिचक, महादेव टिकर, प्यालापुर, गोकुलमथुरा, सगुनी, रोशनपुर, महतो टोला रिफातपुर, बदलूगंज, बाबूपुर ,पचरुखी, बारा, इशीपुर , हरदेवचक, दौलतपुर, कमलचक, मिर्जागांव, सोनरचक, राजगंज ,काजीबाड़ा, बसबिट्टा, बल्ली टिकर। सिंघाडी, गंगारामपुर, नवादा ,मंसूरपुर एके समीप कोयला की खुदाई के लिए जमीन चिन्हित हुआ है। जिसके सर्वे का कार्य जल्द शुरू होगा।

सर्वे के बाद जमीन के मालिकों को मुआवजा दिया जाएगा। पीरपैंती क्षेत्र में सर्वे कर रही जीएसआई के वैज्ञानिकों ने 150 मीटर से 200 मीटर के नीचे अच्छे किस्म का कोयला जांच में प्राप्त किया है। इसके बाद से पूरी सेंट्रल टीम की नजर पीरपैंती पर टिक गई है।


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