नई दिल्ली: केंद्र सरकार मदरसों के ‘प्रतिभाशाली छात्रों को इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेज में प्रवेश परीक्षा की तैयारी करने के एक प्रस्ताव पर विचार कर रही है। हालांकि इस सिलसिले में फिलहाल कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। मदरसा की शिक्षा को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए केंद्र सरकार की ओर से स्थापित विशेषज्ञ येन समिति ने अल्पसंख्यक मंत्रालय के अधीन चलने वाले एम ए ई एफ के सामने यह प्रस्ताव रखा है।
एम ए ई एफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने समाचार एजेंसी पी टी अई को बताया कि कमिटी ने अपनी रिपोर्ट में यह प्रस्ताव दिया है कि मदरसों के छात्रों को इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेज में प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए विभिन्न राज्यों में केंद्र बनाए जाएं। इस मामले में मंत्रालय और एम ए ई एफ के स्तर पर विचार किया जा रहा है, लेकिन अब तक तय नहीं हुआ है। इस बारे में अंतिम निर्णय अगले कुछ सप्ताह में किया जा सकता है।
अल्पसंख्यक मंत्रालय ने मदरसा शिक्षा को मुख्यधारा में शामिल करने के लिए पिछले साल दिसंबर में सात सदस्यीय विशेषज्ञ येन की एक समिति का गठन किया था। इस समिति ने पिछले मार्च महीने में सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थीमहरिन समिति के संयोजक सैयद बाबर अशरफ को उम्मीद है कि समिति के इस प्रस्ताव को सरकार की हरी झंडी मिल जाएगी और एक या दो महीने के भीतर उस पर काम भी शुरू हो जाएगा। बाबर अशरफ ने कहा कि हम अपनी रिपोर्ट में यह कहा है कि हर राज्य में कम से कम एक या दो ऐसे केन्द्रों बनाए जाएं, जहां मदरसों में पढ़ने वाले प्रतिभाशाली छात्रों को इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेज प्रवेश परीक्षा की तैयारी कराई जा सके। उन्हों ने यह भी कहा है कि इंफ्रास्ट्रक्चर सामाजिक संगठनों हो और सरकार के स्तर पर वित्तीय सहायता दी जाए और निगरानी की व्यवस्था हो।
उन्होंने कहा कि एम ए ई एफ और मंत्रालय का रुख इस मामले में सकारात्मक रहा है। उम्मीद करते हैं कि उसे जल्द मंजूरी मिल जाएगी। हम चाहते हैं कि सितंबर या अक्टूबर में इस पर काम शुरू हो जाएगा। सैयद बाबर अशरफ कहा कि ‘इस पूरी कार्रवाई में मदरसों के आयोजकों और मुस्लिम समाज की पूरी मदद ली जाएगी। क्योंकि हम किसी भी मामले में धार्मिक शिक्षा में बाधा पैदा नहीं करना चाहते। हमारा प्रयास केवल यह है कि बच्चों को मुख्यधारा में आने और एक अच्छा कैरियर बनाने का मौका मिले।
अपनी रिपोर्ट तैयार करने के दौरान कमिटी ने मदरसों का दौरा किया और मदरसा आयोजकों से बातचीत की। सैयद बाबर अशरफ ने कहा कि सरकार की मंजूरी प्राप्त करने के बाद उत्तर प्रदेश से कदम शुरू करने के लिए प्रयास किए जाएंगे। इसके बाद देश के सभी भागों में ऐसे केन्द्रों बनाए जाएंगे।
Discover more from Millat Times
Subscribe to get the latest posts sent to your email.