इसमें संदेह नहीं कि इस समय भारत देश किस बदतरीन दौर से गुजर रही है, जब इस देश को आजाद कराने के लिए आंदोलन पूरे देश में जारी थी, उस समय न धर्म की राजनीति थी और न हिंदू-मुसलमान के बीच कोई मतभेद था, बल्कि भारत की आजादी के लिए एक गठबंधन जुनून था, जिसने देश से ब्रिटिशो को उखाड़ कर फेंक दिया था,
लेकिन आज के हालात पर नज़र डाली जाए तो यह बात सामने आती है कि जिस जुनून को लेकर हम भारत को आजाद कराया था और धर्म की दीवारों बीच से गिरा दी थी। आज उसी धर्म के नाम पर देश के टुकड़े करने की कोशिश की जा रही है। चूंकि भारत में लोकसभा चुनाव करीब है और भारत में हर तरफ इस बात की कशमकश जारी है, कि भारत के विकास के लिए किस पार्टी को वोट दिया जाए, 2014 में जब लोकसभा चुनाव हुए थे तो लोगों के बीच काफी समस्या थी, और कांग्रेस को जिसके कारण करारी हार का सामना करना पड़ा। लेकिन जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावी रैलियां की थी, तो शिक्षा, रोजगार, गरीबी का अंत, और सबका साथ सबका विकास जैसे नारे लगाए थे, क्योंकि देश एक पुराने दूर से हटकर एक नया प्रधान मंत्री चाह रहा था, इसलिए, देश के अधिकांश वर्ग ने भाजपा को वोट दिया, और उनकी सरकार बनाई, लेकिन मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद देश के विकास के जो नारे थे वह बिल्कुल फेल हो गए, और देश घृणा हिंदुओं और मुसलमानों के बीच घृणा की दीवार तेजी से बढ़ी, तेजी से बढ़ रही, शिक्षा, रोजगार, राम मंदिर उठाया गया, जिसे गाय के नाम पर रखा गया कई निर्दोषों को मार दिया गया और उनके हत्यारों को खुलेआम छोड़ दिया गया, मोदी जी ने गरीब जनता का वोट हासिल करने के लिए सभी लोगों को 15/15 /लाख रुपया देने का वादा, क्या, जो भी बिल्कुल झूठा निकला,
क्योंकि इस देश में हिंदुओं का बहुमत है, और एक तबका ऐसा है जो खुलेआम मुसलमानों के खिलाफ अनाद रखता है, और यहाँ कि अक्सर लोग प्यार से रहना चाहते हैं, अब चूंकि यह हिन्दू बहुमत देश है इसलिए चुनाव में उनके वोट बहुत महत्व रखते हैं, और भाजपा के कुछ नेता यह भी कहते हैं कि हमें मुस्लिमों के वोटों की आवश्यकता नहीं है,
लेकिन देश का वह नागरिक जो शांति चाहता है न्याय चाहता है, एक धर्मनिरपेक्ष और निष्पक्ष वातावरण चाहता है उसके सामने बड़ी चुनौती है कि अगले लोकसभा कि चुनाव में किसे वोट दिया जाए। इस सिलसिले में भारत की जनता के सामने तीन विकल्प हैं, एक भाजपा, दूसरा कांग्रेस, और तीसरा महागठबंधंन , और देश के अधिकतर जानते भी हैं कि अगर कांग्रेस अपने दम पर बिना गठबंधन के चुनाव में आता है तो उसकी राहें बहुत कठिन हैं क्योंकि कांग्रेस अपने आपको धर्मनिरपेक्ष पार्टी कहती है और मुसलमानो के लिए नरम रवैया अपनाती है, हालांकि इसका वास्तविकता से कोई लेना-देना नहीं है और मुझे लगता है कि कांग्रेस और भाजपा एक ही सिक्के के दो पहलू हैं, लेकिन पिछले चार वर्षों में देश के अंदर जो हालात आए देश का विकास रुक गया, और कई भ्रष्ट लोग बैंकों से अरबों रुपया लेकर भाग गए। इसलिए अब तो यह बात साबित हो चुकी है कि मौजूदा लोगों में सरकार चलाने की क्षमता बिल्कुल भी नहीं है, इसलिए अब सरकार किसकी बने, इस लिए मेरी नज़र में महागठबंधन है कि कांग्रेस के नेतृत्व में एक गठबंधन है, और एक अच्छा खाका तैयार किया जाए और इस देश में फैले भ्रष्टाचार को समाप्त किया जाना चाहिए और बीजेपी का रास्ता बंद कर दिया जाना चाहिए, ताकि देश का पर्यावरण स्पष्ट रूप से और विकास के मार्ग पर लागू किया जाना चाहिए। किस्मत से भाग्य, इसलिए, मुसलमानों और ब्रदरहुड को को चाहिए के यदि यह एकजुट हो तो इसको वोट दिया जाए और महागठबंधन को मजबूत किया जाए!
हाफिज मोहम्मद सैफुल इस्लाम मदनी, शिक्षक मदरसा अरबिया मदीनात उल उलूम नौ गंज पखरायाँ जिला कानपुर देहात (यूपी)