महात्मा गांधी चाहते थे जिन्ना प्रधानमंत्री बने,मगर नेहरू ने स्वीकार नहीं किया: दलाई लामा

महात्मा गांधी चाहते थे जिन्ना प्रधानमंत्री बने,मगर नेहरू ने स्वीकार नहीं किया: दलाई लामा

August 8, 2018,नई दिल्ली: तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा ने एक बार फिर संवेदनशील मुद्दे पर खुलेआम टिपण्णी करके 70 वर्ष पुराने एक ज़ख्म को ताज़ा कर दिया है,।एक तरफ उन्होने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, नेहरू,और जिन्ना पर अपने विचार रखे तो दूसरी तरफ चीन के साथ अपने रिश्ते पर भी बेबाकी से बात की।गोवा की राजधानी में एक कार्यक्रम के दौरान दलाई लामा ने भारत,चीन और तिब्बत से जुड़े कई विवाद पर भी अपने विचार रखे।

सबसे पहले नेहरू-जिन्ना पर एक सवाल पर आध्यात्मिक गुरू दलाई लामा ने आज कहा कि महात्मा गांधी चाहते थे कि मोहम्मद अली जिन्ना देश के शीर्ष पद पर बैठे, लेकिन पहला प्रधानमंत्री बनने के लिए जवाहरलाल नेहरू ने ‘आत्म केंद्रित रवैया’ अपनाया। दलाई ने दावा किया कि यदि महात्मा गांधी की जिन्ना को पहला प्रधानमंत्री बनाने की इच्छा को अमल में लाया गया होता तो भारत का बंटवारा नहीं होता। गोवा प्रबंध संस्थान के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए 83 वर्षीय बौद्ध गुरु ने यह बात कही।

सही निर्णय लेने संबंधी एक छात्र के प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि सामंती व्यवस्था के बजाय प्रजातांत्रिक प्रणाली बहुत अच्छी होती है। सामंती व्यवस्था में कुछ लोगों के हाथों में निर्णय लेने की शक्ति होती है, जो बहुत खतरनाक होता है।’ उन्होंने कहा, ‘अब भारत की तरफ देखें। मुझे लगता है कि महात्मा गांधी जिन्ना को प्रधानमंत्री का पद देने के बेहद इच्छुक थे। लेकिन पंडित नेहरू ने इसे स्वीकार नहीं किया।

उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि स्वयं को प्रधानमंत्री के रूप में देखना पंडित नेहरू का आत्म केंद्रित रवैया था।….यदि महात्मा गांधी की सोच को स्वीकारा गया होता तो भारत और पाकिस्तान एक होते।

उन्होंने कहा, ‘मैं पंडित नेहरू को बहुत अच्छी तरह जानता हूं, वह बेहद अनुभवी और बुद्धिमान व्यक्ति थे, लेकिन कभी-कभी गलतियां हो जाती हैं।’ जिंदगी में सबसे बड़े भय का सामना करने के सवाल पर आध्यात्मिक गुरू ने उस दिन को याद किया जब उन्हें उनके समर्थकों के साथ तिब्बत से निष्कासित कर दिया गया था।


Discover more from Millat Times

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Discover more from Millat Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading