आज मिल्लत टाइम्स दूसरी वर्षगांठ मना रहा है। इसके 2 साल के यात्रा पर नज़र डालें तो इस परिणाम पर पहुँचते है कि समाज ने इसे एक समाचारपत्र और मीडिया हाउस के रूप में स्वीकार कर लिया है। और लोग देश दुनिया की खबरों से जुड़े रहने के लिए इसको पढ़ रहे है। यहाँ पर प्रकाशित होने वाली रिपोर्ट चर्चा का विषय बन रही है। खबरों को देखने का नज़रिया बदल रहा है। और समाज मे जागरूकता फैल रही है। मैन स्ट्रीम मीडिया में मिल्लत टाइम्स की खबरों पर खूब चर्चा हो रही है। उर्दू,हिंदी और अंग्रेजी के समाचारपत्र यहाँ की खबरों को आधार बना कर अपने पत्रों में प्रकाशित कर रहे है। और यह किसी भी वेबसाइट के लिए सफलता होती है और मिल्लत टाइम्स में ये सारी चीज़ें देखने को मिल रही है। यही वह कारण है जिससे हमारे हौसलें बुलंद हैं। मिल्लत टाइम्स से जुड़े प्रत्येक सदस्य बहुत उत्साहित है और सुविधा के आभाव में भी इसे आगे और बेहतर करने के लिए प्रयासरत हैं।
मिल्लत टाइम्स न्यूज़ पोर्टल और समाचारपत्रों की दुनिया मे एक अलग पहचान बनाने के लिए प्रयासरत हैं। अकारण प्रेस रिलीज, किसी व्यक्ति के व्यक्तिगत प्रशंसा और संबंध के आधार पर खबरों के प्रकाशन से बचता रहा है।
मिल्लत टाइम्स ने हमेशा ऐसी खबरें प्रकाशित की जिससे इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के साथ हर भाषा के समाचारपत्रों ने छुपाने के प्रयास किया और बाद में यही खबरें हर जगह चर्चा का विषय बनी। यहाँ कभी यह नही देखा गया कि कौनसी समाचारपत्रों ने किस खबर को प्रकाशित किया है। बल्कि यह देखा जाता है कि कौन सी खबरें देश और जनता के हित में है और मैन स्ट्रीम मीडिया उसे जान बूझ कर छुपाने के प्रयास कर रहा है।
मिल्लत टाइम्स के पत्रकारों ने पत्रकारिता के नियमों से कभी समझौता नही किया है। इसी कारणवश इसे हमेशा टिप्पणियों और विरोध का सामना करना पड़ा है। जहाँ तक टिप्पणी और विरोध की बात है तो यह पाठक का अधिकार है और ऐसे लोगों का मिल्लत टाइम्स ने हमेशा स्वागत किया है। मिल्लत टाइम्स एक वेबसाइट है जिसका आरंभ 18 जनवरी 2016 को इस्लाम के प्रशिद्ध स्कॉलर मौलाना सय्यद मुहम्मद राबे हसनी नदवी एक सेमिनार हुआ। उस आयोजन में मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमान, सुफियान कासमी, शाहिद हसिनी, मौलाना अब्दुस्सत्तार, मुफ़्ती महफूज़ुर्रहमान, मौलाना शाहिद नासरी और जाहिद अली खान समेत कई बड़े नाम मौजूद थे।
इसके आरंभ के 2 महीने बाद मिल्लत टाइम्स ने अंग्रेजी पोर्टल आरंभ किया और उसी में हिंदी खबरें भी प्रकाशित की जाती है। 1 साल पूरा होते होते मोबाइल ऐप भी लॉन्च किया गया जो गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध हैं।
जुलाई 2017 में मिल्लत टाइम्स ने यूट्यूब चैनल का शुभारंभ किया जिसमें सबसे पहला इंटरव्यू ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लेमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के दिखाया गया। 2 साल पूरा होने पर मिल्लत टाइम्स के कार्यवाही निकाय ने एक सेमिनार के आयोजन का निर्णय किया है। समय की घोषणा जल्दी किया जाएगा। इस अवसर पर मिल्लत टाइम्स के साल भर के गतिविधियों को बताया जाएगा जिसमे यहाँ प्रकाशित हुए महत्वपूर्ण टॉपिक्स होंगें। इसके अतिरिक्त कुछ खास खबरों को इसका हिस्सा बनाया जाएगा।
जब मिल्लत टाइम्स का आरंभ हुआ था तो उस समय इसका परिचय देने के लिए शम्स तबरेज कासमी का लिया जा रहा था। मगर आज मामला इसके विपरीत है दुनिया के 110 से अधिक देशों में मिल्लत टाइम्स को पढ़ा जा चुका है। यूट्यूब के दर्शकों की पहुँच 200 से अधिक देशों में है।
लाखों लोग फसेबूक, ट्विटर, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम और दूसरे सोशल मीडिया के द्वारा मिल्लत टाइम्स से जुड़े हैं और उसका लाभ उठा रहे है। मिल्लत टाइम्स की सफलता किसी एक व्यक्ति की सफलता नही है बल्कि उन सभी लोगों के कठिन परिश्रम का परिणाम है जो इससे जुड़े हुए है।
जफर सिद्दीकी कासमी, ईरशाद अय्यूब, फ़ैज़ी, आमिर ज़फर, नुजहत जहाँ, सुफ़यान सैफ, आरफा हैदर, नसीम अख्तर, शाहनवाज नाजमी, मुहम्मद शफी, इमरान, फौज़िया, अहमद साकी, कौसर सिद्दीकी, मुहम्मद ज़ूरकरनैंन, अहमद अली, मुज़फ्फर आलम, सलमान दानिश और अंज़र आफाक ये ऐसे नाम है जिनका मिल्लत टाइम्स को सहयोग मिलता है और उनके प्रयत्नों से मिल्लत टाइम्स सफलता की इस ऊँचाई पर है।
मिल्लत टाइम्स का भविष्य किया होगा पता नहीं। लेकिन इतना ज़रूर है कि उर्दू के जितने समाचारपत्र है उससे अधिक इससे पढ़ा जाता है। और भविष्य में इसे और बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है। वीडियो फेसबुक लाइव में बहुत सुधार की आवयश्कता है हम भविष्य में इसे बहुत बेहतर बनाने के लिए प्रयासरत है।
पिछले 2 वर्षों में सोशल मीडिया में एक क्रान्ति आयी है। युवाओं और विश्विद्यालय की बड़ी संख्या पत्रकारिता की दुनिया मे अपने करियर का आरंभ कर रहे है। बहुत से दोस्तों ने वेबसाइट, यूट्यूब चैनेल आरंभ किया है। ऐसे सभी लोगों का हम स्वागत करते है। और उन्हें बेहतर भविष्य की शुभकामनाएं देते है। और अगर उन्हें कहीं पर कोई सहायता की आवयश्कता हो तो हमारी पूरी टीम उनकी सहायता के लिए मौजूद है।
मिल्लत टाइम्स के इस सफलता के पीछे दुनिया भर के मौजूद पाठक और दर्शकों को जाता है। जिन्होंने मिल्लत टाइम्स को मीडिया हाउस के रूप में स्वीकार किया है।
शम्स तबरेज़ कासमी
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