नई दिल्ली,मिल्लत टाइम्स:19 अक्टूबर, 2018 आपसी सदभावना को ख़त्म करना, फ़र्ज़ी इनकाउंटर, मुस्लिम पर्सनल लॉ में हस्तक्षेप, गाय के नाम पर भगवा आतंक, एनआरसी, ईवीएम, राष्ट्र्य एजेंसियों और पूंजी का दुरुपयोग, मुस्लिम पहचान पर हमला, नॉट बंदी के दवारा हतिया, कमरतोड़ महंगाई और किसानों की उत्पीड़न, बाबरी मस्जिद को राजनैतिक मुद्दा बनानेवाले फांसीवादी ताक़तों के खिलाफ राष्ट्रीय अभियान की शुरुआत.
आल इंडिया इमाम्स काउंसिल की राष्ट्रीय अभियान
आओ मिलकर मुल्क बचाऐं
के आगाज़ के लिए 19/10/18 को प्रेस क्लब आफ इंडिया में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई गई जिससे खिताब करते हुए काउंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अहमद बेग नदवी ने कहा कि,
भारत दुनिया का महान लोकतंत्र देश है। यहां सभी निवासियों में धार्मिक, सांस्कृतिक, सामाजिक, नागरिक और कानूनी अधिकार हैं। सभी निर्वाचित सरकारें, वे किसी भी पार्टी के हैं, कानून की शपथ लेते हैं और इसी को मज़बूती प्रदान करने और तदनुसार न्याय, संरक्षण और समानता के अनुसार, देश चलाने की शपथ लेते है; संमिधान की शपथ लेनेवाली भारतीय जनता पार्टी की साढ़ेचार साल की सरकार में लाक़ानूनीयत, झूठे वादे, जुमले बाज़ी, और फांसीवादी एजेंडा की प्राथिमिकता के कारण देश का भविष्य अंधकार में चला गया है।
आरएसएस और फांसीवादी ताक़तों के द्वारा फैलाई जा रही सामाजिक हिंसा, राष्ट्र्य एजेंसियों और पूंजी का दुरुपयोग, फांसीवादी विचारधारा के खिलाफ बात करनेवालों के पीछे एनआईए का उपयोग, जो सैद्धांतिक विचारधाराओं के पत्रकारों को का हथिया करते हैं, और सच्चाई की आवाज़ उठानेवालों पर प्रतिबंध लगाना, नॉट बंदी के ज़रिये मुल्क की आर्थिक स्तिथि बदहाली का शिकार है, जिसकी वजह से लगभग 150 लोग मारे गए, भोजन से लेकर आवश्यक दवा तक, और ऑटो से ट्रेन और गैस से लेकर डीजल महंगाई की वजह से देश के अवाम की स्तिथि बहुत ही ख़राब हो चुकी है जिसका ज़िम्मेदार भारतीए जनता पार्टी की सरकार है।
मुस्लिम पर्सनल लॉ पर गैर काअनुनी मदाखलत, महिलाओं की सुरक्षा और आजादी के नाम पर तलाक बिल, हम्जिन्सी, “सहकर्मियों” और शदीशुदाह मर्द व औरत का दूसरों से नाजाइज़ सम्बन्ध का सहीह करना, दस्तूर और कानून को कमजोर करना और नागरिक सभ्यताओं और समुदायों को नष्ट करना है। गाये के नाम पर गाये आतंकियों के दुवारा मब्लिंकिंग हुकूमत की न अहलियति और समर्थन का नतीजा है अक्षमता और अंतर्ज्ञानी समर्थन का परिणाम है। लोकतांत्रिक वेवस्था के तहत हक़ मांगनेवाले किसानों पर अमानविक अतियाचार यहाँ तक के आत्महतिया करने पर मजबूर किया जा रहा है ।
एनआरसी के नाम पर असम में रहने वाले 40 लाख भारतीय नागरिकों विदेशी बनाने की साज़िश हो रही है और पूरे देश में मुसलमानों की वोटर सूची से नाम निकलने का मुद्दा फांसीवादी ताक़तों की सोची समझी साज़िशों का हिस्सा है। ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक मशीन) दुरुपयोग को रोका जा बंद किया जाये। बाबरी मस्जिद के स्थान पर राम मंदिर का निर्माण हिंदुत्व-फासीवादी ताकतों का राजनीतिक एजेंडा है, और यह न्याय प्रिय हिन्दू बंधुओं का इससे कोई सम्बन्ध नहीं है। देशवासियों ने बीजेपी को “सबका साथ सबका विकास” के नाम पर पूर्ण समर्थन दिया था, उन्होंने सभी भारतीयों को धोखा दिया। इन गंभीर परिस्थितियों में, देश को गृहयुद्ध की शक्ति से बचाने और लोगों को न्यायसंगत स्वतंत्रता, न्याय, सुरक्षा और बराबरी प्रदान करने के लिए आल इंडिया इमाम्स कौंसिल 20 अक्टूबर से 5 नवंबर 2018 तक “राष्ट्रीय अभियान” चलाने जा रही है जिसका विषय है “आओ मिलकर मुल्क बचायें”, जिसमें सभी धर्मनिरपेक्ष राजनीतिक दलों, एनिमेटेड सामाजिक संगठन, धार्मिक नेता और देश की जनता से अपील करते हैं कि वे अपने धार्मिक और पेशेवर मंडलियों में रहते हुए आल इंडिया इमाम्स कौंसिल के साथ मिलकर आवाज़ उठायें , ताकि फांसीवादी अजेंडों पर काम करनेवाली संमिधान विरोधी पार्टियां जनता को 2019 लोक सभा चुनाव में फिर धोखा देने में सफल न हो सके। हम घर घर जाएंगे और सभी को बताएंगे कि हम अपने धर्म, राष्ट्र और क़ौम के लिए के बारे में अल्लाह के इलवाह किसी से डरने वाले नहीं हैं, और न ही हम क़ौम और राष्ट्र के हितों के खिलाफ किसी से समझौता कर सकते हैं।
कांग्रेस से मुफ्ती हनीफ अहरार सुपौलवी राष्ट्रीय प्रवक्ता, मौलाना फैसल नैशनल जनरल सेक्रेटरी अौर मौलाना हन्जला कासमी ने भी खिताब किया.
एम, एच, अहरार सुपौलवी
राष्ट्रीय प्रवक्ता: आल इंडिया इमाम्स कौंसिल
Discover more from Millat Times
Subscribe to get the latest posts sent to your email.
