सीतामढ़ी:एम कैसर सिद्दीकी/मिल्लत टाइम्स: बिते 3 हफते पहले बिहार के सीतामढी जिले में संघी दंगाईयों ने दसहरा मूर्ती विसर्जन के दौरान बुजूर्ग जैनूल अंसारी को पहले गला रेता और फिर ज़िन्दा जला डाला हैरानी की बात यह है कि ये सब हैवानियत का नंगा नाच बिहार प्रसाशन कि आँखों के सामने होता रहा और वह मुखदरसक बनी रही या यूं कहें की वह भी हत्यारों की भीड़ में शामील थे,


(जैनुल अंसारी के पोस्ट मार्टम कि रिपोर्ट)
पुलिस प्रसाशन से लेकर बिहार सरकार तक बिकाऊ मिडया से लेकर सरकारी तोते ( मुस्लिम नेताओं ) तक सबने ने इस दर्दनाक घटना को नीपा पोती करने की कोशिश की पर सुकर हो PFI का जिसने सबसे पहले घटना स्थल पर जाकर मिर्तक के परिवार वालों से मुलाकात की और घटना की जांकारी हासील करके अपने काम पर लग गई,
उसी सिलसिले में आज पोपुलर फरंट लिगल विंग ने दूसरी मुलाकात की और केस का हाल जाना इस मामले में पुलिस द्वारा FIR No 982/18 में पुलिस ने खुद जैनुल अंसारी को जबह करना और ज़िन्दा जलाने की बात कुबूल की है साथ ही पोस्ट मार्टम रीपोर्ट में भी साफ लिखा है की पहले गला काटा गया फिर ज़िन्दा जालाया गया
1 सवाल ये है की इतने सारे सुबूत होते हुए भी बिहार पुलिस अब तक क्यू कड़ी कारवाई नहीं कर रही है ?
2 क्यू मिडया जगत इस दर्दनाक हादसे पर पर्दा डालने की कोशिश कर रही है ??
3 मुसलमानों के रहनूमा सेकूलर #नितिश_कुमार का दिल दहला देने वाली घटना पर अब तक कोई व्यान क्यू नहीं आया ??
4 बिहार के मुस्लिम सियासी रहनुमा क्यू खामोश हैं ???
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