निदेशक के मानमाने आदेश से शिक्षा स्वयंसेवी हतोत्साहित व हतप्रभ हुए बेरोजगार

निदेशक के मानमाने आदेश से शिक्षा स्वयंसेवी हतोत्साहित व हतप्रभ हुए बेरोजगार

सीतामढी:M Qaisar Siddiqui: निदेशक के मानमाने आदेश से शिक्षा स्वयंसेवी हतोत्साहित व हतप्रभ हुए बेरोजगार जन शिक्षा बिहार के निदेशक के पत्रांक 1089 दिनांक 19/05/2018 प्रेषित जिला कार्यक्रम पदाधिकारी साक्षरत मुंगेर पत्रांक 1088 दिनांक 19/05/2018 प्रेषित जिला कार्यक्रम पदाधिकारी साक्षरत सीतामढ़ी एवं पत्रांक 1098 दिनांक 22/05/2018 के आदेश से प्रभावित तालिमी मरक़ज के अल्पसंख्यक सामान्य मुस्लिम कोटी के शिक्षा स्वयंसेवी हतोत्साहित हैं। बातचीत के क्रम में अल्पसंख्यक मुस्लिम सामान्य कोटी के अभ्यर्थियों ने बताया कि वो लोग विगत करीब 8 वर्षो से नियमित रूप से कार्य करने और मानदेय भुगतान पाने के बावजूद निदेशक जन शिक्षा बिहार श्री विनोदानन्द झा के तुगलकी फरमान जारी करने के कारण हजारों शिक्षा स्वयंसेवी के समक्ष रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है। स्वयंसेवी इस बात से और हतोत्साहित हैं कि बिहार सरकार और सरकार के निदेशक ने साजिश के तहत सामाज के एक तबके को बेरोजगार और अशिक्षित करना चाहती है। जन शिक्षा के उक्त आदेश निर्गत होने के बाद प्रभावित शिक्षा स्वयंसेवी न्यायलय जाने का मन बना चुके हैं क्योंकि वर्ष 2014 में ही सुपौल जिला को मार्गदर्शन के क्रम में पत्रांक 1355 दिनांक 01/09/2014 मे निदेशालय पहले ही इस मामले पर अपना रुख स्पष्ट कर चुका है। जिसमें कही भी पिछड़े वर्ग को आरक्षण की बात नही कि गई है मात्र प्राथमिकता की बात है वो भी तब जब वो निर्धारित योग्यता का पालन करता है। अल्पसंख्यक समान्य कोटी की बहाली को भी वैध माना जा सकता है जो पूर्व के निदेशक जन शिक्षा के पत्र से स्पष्ट है वर्तमान निदेशक के आधारहीन कार्य के कारण जन शिक्षा अपने उद्देश्य से भटकता हुआ दिखाई दे रहा है। अल्पसंख्यक सामान्य कोटी के अभ्यर्थी पूरी तरह से वर्तमान निदेशक के पत्र को आधारहीन तथा पद के दुरुपयोग का मामला बताया है तथा बिना सोचे समझे पत्र निकलकर परेशान करने का भी आरोप लगाया मौके पर तालिमी मरक़ज की प्रदेश उपाध्यक्ष नुजहत जहाँ गुलाम समदानी जकी खान मो० कौसर आलम मुजफ्फर आलम हाकीम खान इमतेयाज अहमद एहसान इलाही फैज़ान ज़फर नुरैन आलम जाहीद हुसैन इशरत खानम कमरे आलम माहे सबा मो० नासिर एवं दर्जनों शिक्षा स्वयंसेवी उपस्थित थे।


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