सबनवाज़ अहमद:जिन लोगों को लगता है कि वो जिंदगी में कुछ नहीं कर पा रहे हैं, या कुछ करना तो चाहते हैं मगर हो नहीं पाता है, उन्हें मणिपुर से आने वाली भारतीय बॉक्सर एमसी मैरीकॉम के बारे में थोड़ा पढ़ना चाहिए. 35 साल की मैरी कॉम ने छठी बार बॉक्सिंग की वर्ल्ड चैंपियनशिप जीत ली है. तीन बच्चों की मां मैरी कॉम ऐसा करने वाली इकलौती महिला बॉक्सर हैं.
दिल्ली में हो रहे इस इवेंट में मैरी कॉम के सामने 22 साल की नौजवान बॉक्सर थी जिसे 5-0 से हराकर ये खिताब जीता है. यूक्रेन की हन्ना ओखोटा को 48 किलो भार वर्ग में हराकर मैरी ने इस इंवेट के इतिहास के सबसे ज्यादा 7 मेडल जीते हैं. 6 गोल्ड और एक सिल्वर. यानी जब ये चैंपियनशिप 2001 में शुरू हुई थी तो मैरी ने सिल्वर मेडल जीता था. उसके बाद लगातार 5 बार वो गोल्ड जीत चुकी हैं.
इस जीत के बाद आंखों में आंसू लिए मैरी कॉम ने कहा,” मैं उन तमाम लोगों का शुक्रिया करना चाहती हूं जो मेरे इस फाइनल मुकाबले को देखने आए और मुझे सपोर्ट करते रहे. मेरे पास देश को देने के लिए इस गोल्ड मेडल के अलावा कुछ नहीं है. मुझे उम्मीद है कि मैं अब 2020 के टोक्यो ओलंपिक्स में भी देश के लिए गोल्ड जीत पाउंगी.”
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